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गुरुवार, 13 अगस्त 2020

मेरे सपनों का भारत


मेरे सपनों का भारत उस पंछी के समान हो जिसकी उड़ान कोई रोक न सके मतलब चहुंओर तरक्की करें।
भारत एक देश ही नहीं बल्कि यह विचारधारा का परिणाम है। आज भारत इक्कीसवीं सदी में प्रवेश कर चुका है। हमारा संविधान किशोर अवस्था में पहुंच चुका है। सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक रूप से तो कोई भी देश तरक्की कर सकता है परंतु जिसका इतिहास समृद्ध हो वही महान बन सकता है। मेरे सपनों का भारत देशों की कतार में पहले नंबर पर खड़ा होना चाहिए।

मेरे सपनों का भारत गरीबी से मुक्त होना चाहिए जिसमें सभी के लिए समान अधिकार प्राप्त हो। जीवन में हर खुश प्राप्त करने और प्रति व्यक्ति आय में सतत् वृद्धि हो और भारत गरीबी मुक्त हो जाना चाहिए।

मेरा भारत शिक्षित होना चाहिए जिसमें समस्त नागरिक समाहित हो। शिक्षित होने से पर्याय मात्र पढ़ना और लिखना ही नहीं है बल्कि समझ, सूझ-बूझ, जागरुकता, जिज्ञासा की भावना का प्रसार हो। रोजगार परक शिक्षा दी जाए ताकि हमारे युवा देश के साथ-साथ विश्व का कल्याण करने में मदद कर सके।

मेरा भारत भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहिए। भ्रष्टाचार से मुक्त भारत विकास की नई राह को पकड़ेगा और नित नए कीर्तिमान स्थापित करते जाएगा। मेरे सपनों के भारत में किसी व्यक्ति को भ्रष्टाचार से किसी भी प्रकार समस्या नहीं होनी चाहिए।

मेरे सपनों के भारत में डिजिटल क्रांति वाला होना चाहिए ताकि सभी लोग अपने आप को तकनीक से जोड़े रख पाए। डिजिटल क्रांति भारत और मेरे सपनों को साकार करने में मदद करेगा।

मीडिया की भूमिका मेरे सपनों के भारत में निष्पक्ष होगी और महत्वपूर्ण होगी। मीडिया ऐसा काम करेगी जिससे विकास को सदैव बढ़ावा मिले और विकासोन्मुखी योजना का प्रचार प्रसार हो।

मैं अपने भारत को विश्व नेता की तरह देखना चाहता हूं।
भारत को फिर से सोने की चिड़िया बनते देखना चाहता हूं।

मेरे सपनों का भारत भयमुक्त, भेदभाव रहित होगा जिसमें सभी को समान अधिकार प्राप्त होगें। मौलिक अधिकार की समान रूप से प्राप्ति हो। भारत में आधी आबादी की बात हो ताकि लैंगिक भेदभाव को दूर किया जा सके।

मेरा भारत स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद, राजा राममोहनराय, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, ज्योतिबा के विचार को साकार करने वाला होना चाहिए।

📃BY_ vinaykushwaha


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