धूप सहारा देती है, धूप किनारा देती है |
अविरल निर्झर झरने सी धूप सुहानी गिरती है |
मानव को मानवता के लिए सदैव अग्रसर करती है|धूप सहारा.....
तिमिर को भक्ष लेती है,दीपक को धन्यवाद करती है|
महान मानव निश्चिंत भाव से निज कर्म को पूर्ण करते है| क्योकिं धूप सहारा....
धूप का अपना स्व नहीं हैं ,परोपकार हैऔर ध्येय यही हैं|
जीवन में आशा भरती हैं, निराशा दूर करती हैं| क्योंकि धूप सहारा....
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