जब मोदी ने मैडिसन स्कवायर गार्डन में 19000 की जनसभा को संबोधित किया तो दुनिया उन्हें एक नए नाम पुकारने लगी रॉकस्टार पीएम। नरेन्द्र मोदी की स्पीच देनी की स्किल आला दर्जे की है और वे जानते है कि कैसे लोगों के बीच रहकर किस प्रकार संवाद (conversation) किया जाता है। 2014 का वो दिन हर न्यूजपेपर, टीवी और रेडियो मोदीमय हो गया था। मोदी जी की सबसे अच्छी बात यह है कि वे भारतीयता और हिन्दी को उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। भारत हो या विदेश सभी जगह उन्होंने हिन्दी को ही अपने भाषण की भाषा चुना है। चाहे भारतीय संसद हो या संयुक्त राष्ट्र परिषद, चुनावी सभा हो या अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सभी जगह मोदी ने हिन्दी का उपयोग किया है।
आज मोदी दुनिया की सबसे शक्तिशाली शख्सियत बन गए है। उन्होंने ली केकियांग के साथ सेल्फी ली थी जो दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेल्फी (powerful selfie) बनी। आज टाइम मैग्जीन हो या कोई और सर्वे करने वाली कंपनी सभी मोदी को टॉप टेन में शुमार करते है। आज दुनिया में ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले पीएम बन गए है। उनकी 'हग डिप्लॉमेसी' के तो सभी कायल हो गए है। कनाडा में जब जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री बने। उनके कामकाज करने के तौर-तरीके , लोगों से मिलनसारिता, व्यक्तिव्य के कारण उनकी खूब वाहवाही हुई और आज उन्हें कनाडा का रॉकस्टार कहा जाता है।
कनाडा और भारत के संबंध बहुत अच्छे है और बहुत पुराने भी। यह कहना ज्यादा सही होगा कि भारत और कनाडा के संबंधों की शुरुआत सत्रहवी शताब्दी में हो चुकी थी। संबंधों में मिठास घोलने का काम सिक्खों ने किया। भारत और कनाडा के बीच सिक्ख एक कड़ी के रूप में काम करते हैं। सबसे पहले भारत से सिक्ख ही कनाडा पहुंचे थे। आज कनाडा में सिक्खों की लगभग पांच लाख आबादी है जो पूरी आबादी का 1.4 प्रतिशत है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि कनाडा में सिक्खों की संख्या हिन्दुओं की कुल जनसंख्या से मात्र 0.1 प्रतिशत कम है। कनाडा आज विश्व की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एक समय था जब कनाडा भारत से बड़ी अर्थव्यवस्था था और आज आधी है। कनाडा प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण देश है। दुनिया का 20 प्रतिशत साफ जल कनाडा में है और तो और यहां का एक नेशनल पार्क पूरे स्विट्जलैण्ड के बराबर है।
कनाडा उत्तरी अमेरिका महाद्वीप पर बसा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है जिसमें तीन भारत आसानी से समा जाएंगे। कनाडा एक विशेषता के लिए विश्व भर में ख्यातिलब्ध है वो है सहिष्णुता। कनाडा में विश्व के कोने-कोने से आई विभिन्न जाति-धर्म की कम्यूनिटी रहती है। हम ऐसा कह सकते है कि कनाडा को विदेशियों ने ही बनाया है। सिक्खों ने तो कनाडा में जान ही फूंक दी चाहे वो राजनीति हो, शिक्षा हो, व्यापार हो, सेना हो सभी जगह सिक्खों का अहम योगदान नजर आता है। कनाडा की संसद में लगभग 20 सिक्ख सांसद हैं और सरकार में चार सिक्ख मंत्री हैं। सिक्ख कम्यूनिटी ने कनाडा को आधार दिया है, शायद यही कारण रहा होगा इसलिए कनाडा सरकार ने पंजाबी को तीसरी भाषा के रुप में दर्जा दिया है। लेकिन हर पीली दिखने वाली चीज सोना नहीं होती है। आज भारत सरकार और कनाडा सरकार के बीच खटास का कारण भी कुछ ऐसे सिक्ख बनें है जिन्होंने देश विरोधी काम किया है।
भारत एक बहुत बड़ा देश है जहां लोगों के बीच असंतोष होना लाजिमी है लेकिन इस अवस्था को बदला जा सकता है ताकि यह अव्यवस्था न बदल सके। भारत और कनाडा सरकार के बीच खटास का सबसे बड़ा कारण है खालिस्तान को प्रोत्साहन देने वाले सिक्ख और ऐसा समूह का समर्थन करने वाली कनाडा सरकार। खालिस्तान एक प्रकार से कहा जाए तो अलगाववादी के साथ-साथ आतंकवादी भी है जो अलग देश की मांग करते हैं। कनाडा सरकार में ऐसे मंत्री भी है जो खालिस्तान को समर्थन देते हैं। कनाडा, नहीं चाहता कि सिक्ख समुदाय किसी भी प्रकार से नाराज हो क्योंकि कनाडा के निर्माण में सिक्खों का बहुत योगदान है। भारत सरकार कई बार कनाडा सरकार को कह चुकी है कि इन समूहों को किसी भी प्रकार का समर्थन नहीं दिया जाए।
कनाडा में वैशाखी एक बड़ा त्यौहार होता है जिसमें बड़ी मात्रा में लोग जुटते है जिसमें सिक्ख धर्म के साथ-साथ अन्य धर्म के लोग भी होते हैं। इसी फेस्टिवल में खालिस्तान समर्थकों का देखा जाना आम बात है। 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के समय से सिक्खों के मन में एक आक्रोश की भावना है और होना भी चाहिए। लेकिन यदि सेना उस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा नहीं करती तो जरनैल सिंह भिंडरावाले को मारना मुश्किल हो जाता। इसी दौरान हुए सिक्ख दंगों के कारण बहुत मात्रा में लोग कनाडा भाग गए। आज 2018 में जब जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री के रूप में भारत पधारे है तो उन्हें कुछ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कनाडा दूतावास द्वारा आयोजित भोज में जब एक खालिस्तान समर्थक पहुंच गया जिसका भारत सरकार ने कड़ा विरोध किया। जस्टिन ट्रूडो एक समझदार व्यक्ति है और उनकी छवि साफ और शालीन इंसान की है।
भारत एक विकासशील देश है और कनाडा विकसित। दोनों को मिलकर काम करना होगा क्योंकि यह विश्व जरुरतों का है।
।।जय हिन्द।।
📃BY_vinaykushwaha
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