भारत में कोविड 19 के अब 2 लाख से ज्यादा केस रोजाना मिलने लगे हैं। विश्व में
भारत फिर से रोजाना कोविड 19 के रोजाना केस के मामले में सबसे आगे बढ़ने की होड़
में है। हर रोज कोरोना काल बनकर 800 लोगों को लील रहा है। कोविड की दूसरी लहर जानलेवा है...नहीं-नहीं....भयानक
महाविनाश है। लोगों को समझ आ गया है कि करना क्या है। आज लोगों को मास्क और
सैनिटाइजर की अहमियत समझ आ गई है। कुछ लोग है कि मानते ही नहीं। उन्हें न तो अपनी
चिंता है न औरों की । वो तो केवल अपने तथाकथित अधिकारों की बात कर रहे हैं।
किसान आंदोलन इस कोरोना की भयानक लहर में भी जारी है। दिल्ली की बॉर्डर पर
बैठे ये किसान अपने अधिकारों की बात कर रहे हैं। तीन कृषि कानून को वापस लेने के
लिए सरकार के आगे दृढ़निश्चय होकर संकल्प लेकर बैठ गए हैं। किसानों का कहना है कि
जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक दिल्ली बॉर्डर से हिलेंगे तक नहीं। मुझे समझ नहीं
आता कि ये किस तरह का विरोध प्रदर्शन है जहां एक ओर सारा देश कोरोना से जंग लड़
रहा है, वहीं दूसरी ओर ये किसान अपनी मांगों को लेकर अड़िग हैं।
इन किसानों ने गर्मी का सारा इंतजाम कर लिया है। एयर कंडीशनर वाली हट या
झोपड़ी तैयार हो गई हैं। सबकुछ इंतजाम हो गया है। किसानों को लग रहा है कि उनका भी
वही हाल न हो जाए जो शाहीनबाग का हुआ था। कोरोना के कारण शाहीन बाग से
प्रदर्शनकारियों को हटाया गया था। किसानों को समझना चाहिए ये समय लड़ाई का नहीं
समन्वय का है। आंदोलन तो सबकुछ सामान्य होने के बाद भी जारी रख सकते हैं। भारतीय
किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष राकेश टिकैत का
कहना है कि हमारे मांगें पूरी होंगी तभी यहां से हटेंगे।
एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा कि क्या हमारे आंदोलन खत्म करने से देश
में कोरोना खत्म हो जाएगा? बंगाल के चुनाव में भी किसान आंदोलन की बयार चल रही है। किसानों के मुद्दों
को किसान संगठन बंगाल के कोने-कोने तक फैला रहे हैं। दबी खबर तो ये है कि सरकार
किसान आंदोलन को खत्म करने पर विचार कर
रही हैं। कई मीडिया रिपोर्टस कह रही हैं कि केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार को
किसानों को दिल्ली बॉर्डर से हटाने की जिम्मेदारी दी है। केंद्र सरकार हवाई
सर्वेक्षण करवाकर अर्ध्दसैनिकों के व्दारा किसानों को सिंघु और टीकरी बॉर्डर से
हटवाना चाहती है।
कोरोना के चलते लॉकडाउन और किसान आंदोलन के चलते रास्ते बंद होना लोगों के लिए
सिर दर्द बन गया है। परेशान लोग अब किसी नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। खबर है कि
लोगों ने यूपी सरकार उच्च अधिकारियों के जरिये सीएम योगी आदित्यनाथ तक रास्ते की
सिरदर्दी वाली खबर पहुंचाई है। लोगों को भी आशा है कि ये आंदोलन खत्म हो तो हमें
राहत की सांस लेने मिले।
किसानों को अपनी और दूसरों की चिंता होनी चाहिए। दिल्ली में कोरोना के
रोजाना मामले 20 हजार को पार कर गए हैं।
वहीं यूपी में 26 हजार और 7 हजार से ज्यादा रोजाना कोरोना के केस सामने आ रहे हैं।
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने वीकेंड लॉकडाउन लगा दिया है। दिल्ली में कभी
संपूर्ण लॉकडाउन लग सकता है। यूपी में पंचायत चुनाव खत्म होने वाले हैं तो इसके
बाद तो यूपी में भी लॉकडाउन लगना तय है। किसान चारों ओर से फंस जाएंगे फिर उन्हें
अपनी ही बात अंधेरे में तीर मारने जैसे लगने लगेगी।
📖 BY_vinaykushwaha
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें